मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच

छात्रवृित्त के लिए बताए फर्जी दाखिले, करोड़ों की गड़बड़ी

आनंद पवार 

14 July 2014, DB Star Bhopal

अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप पाने के लिए एक ही कक्षा के छात्र-छात्राओं को दो स्कूलों में दर्शाया जा रहा है। वहीं कई छात्र एक ही कॉलेज से दो-दो डिग्री कोर्स कर रहे हैं। इस फर्जीवाड़े का खुलासा सॉफ्टवेयर वेरिफिकेशन के दौरान हुआ है।

कैसे की गड़बड़ी 

इस फर्जीवाड़े में शातिर लोगों ने छात्र का नाम, पिता का नाम, आधार नंबर, अकाउंट नंबर अन्य जानकारियां समान रखीं, लेकिन इनमें से किसी एक में त्रुटि कर दी। जैसे एक जगह अकाउंट नंबर सही लिखा तो दूसरी जगह उसमें आगे एक जीरो जोड़ दिया। एक जगह पिता का नाम श्रीमान के साथ लिखा तो दूसरी जगह केवल नाम लिखा। सैकड़ों की संख्या में ऐसे छात्रों के नाम सामने रहे हैं। 

दो के बजाय चार को लाभ 

शिक्षण संस्थान छात्रवृति के आवेदन मिलने के बाद वेरिफाई करके फारवर्ड करते हैं। इसके बाद जानकारी को कम्प्यूटर में फीड करके स्कॉलरशिप मंजूरी के लिए भारत सरकार को भेज दिया जाता है। यह स्कॉलरशिप का लाभ एक परिवार के दो बच्चों को ही दिया जाता है, लेकिन यहां पर एक ही परिवार के चार-चार बच्चों को इसका लाभ दिया जा रहा था। 


प्रदेशमें अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के करोड़ों रुपए बांटने में जमकर गड़बड़ी की गई है। इसका खुलासा हाल ही में स्कॉलरशिप बांटने से पहले उसके वेरिफिकेशन में हुआ है। इस पूरे मामले को पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों, शिक्षण संस्थानों के जिम्मेदारों और विद्यार्थियों ने अंजाम दिया है। डीबी स्टार ने पड़ताल की तो सामने आया कि प्री-मैट्रिक छात्रवृति लेने के लिए कई छात्रों ने दो से ज्यादा स्कूलों से स्कॉलरशिप फाॅर्म फारवर्ड कराए हैं।
छात्रों द्वारा एक ही कक्षा की पढ़ाई दो स्कूलों से की गई। यही नहीं एक स्कूल से भी एक छात्र के दो-दो फाॅर्म फारवर्ड किए गए हैं। ताज्जुब की बात है कि इस तरह के छात्रों की भारत सरकार द्वारा स्कॉलरशिप भी मंजूर कर दी गई, लेकिन पैसा बांटने से पहले वेरिफिकेशन में सॉफ्टवेयर ने फर्जी छात्रों को पकड़ लिया। अब पूरे मामले में शिक्षण संस्थानों के जिम्मेदारों पर भी सवाल उठ रहे हैं कि एक ही छात्र के दो-दो बार फाॅर्म कैसे फारवर्ड कर दिए गए? इस मामले में अब विभाग के अधिकारी उनको नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहे हैं। 

पोस्ट-मैट्रिक में भी गड़बड़ी 

पोस्टमैट्रिक की छात्रवृति ऑनलाइन जानकारी के माध्यम से बांटने का नियम है, लेकिन गड़बड़ी करने वालों ने इसको तोड़ने के भी तरीके निकाल लिए हैं। जैसे एक ही छात्र द्वारा दो स्कॉलरशिप का फायदा लेने के लिए उसका नाम, पता सबकुछ समान है, लेकिन उसके अकाउंट के नंबर के आगे एक जगह शून्य लगा दिया है। इसी प्रकार किसी छात्र ने एक में अपना नाम अंग्रेजी के स्मॉल लेटर में लिखा है तो दूसरे में कैपिटल लेटर में। ऐसे में सॉफ्टवेयर दोनों को ही अलग-अलग मानता है। एक कॉलेज की स्टूडेंट इरम का नाम, पता, अकाउंट नंबर, आधार नंबर सबकुछ समान है, लेकिन एक में वह बीकॉम कर रही है तो दूसरे में बीएससी। इसी प्रकार एक अन्य स्टूडेंट एक जगह बीए तो दूसरी जगह बीएससी कर रहा है। 

पात्र हो रहे परेशान 

अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप 2013-14 अब तक नहीं बंट पाई है। इसका कारण वेरिफिकेशन के दौरान अधिकारियों को मिली गड़बड़ी है। इसमें गड़बड़ी करने वालों की वजह से पात्र छात्र भी परेशान हो रहे हैं। अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप में पहली से पांचवीं तक के बच्चों को 1 हजार रुपए स्कॉलरशिप दी जाती है। इसके बाद 10वीं तक के बच्चों को एक हजार रुपए स्कॉलरशिप और 4 हजार रुपए ट्यूशन फीस दी जाती है। यह स्कॉलरशिप भारत सरकार के मायनोरिटी वेलफेयर विभाग से आती है। भोपाल जिले में लगभग 27 हजार बच्चों को 5 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। 

नोटिस भेजे जा रहे हैं 

प्री-मैट्रिकऔर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में इस तरह के मामले सामने आए हैं। हम ऐसे प्रकरण निकालकर शिक्षण संस्थानों के संचालकों को नोटिस भेज रहे हैं। जल्द ही वेरिफिकेशन करने के बाद स्कॉलरशिप बांट दी जाएगी। 


रईसखान, सहायकसंचालक, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय, भोपाल 

Courtesy - DB Star Bhopal 14 July 2014

Post a Comment

0 Comments