मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच

NFSA के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति को लेकर राज्य स्तरीय सम्मलेन का आयोजन





भोपाल (28 सितंबर 2019) मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच  और विकास संवाद समिति द्वारा प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के क्रियान्वयन की वस्तुस्थिति” विषय पर आज भोपाल में राज्य स्तरीय सम्मलेन का आयोजन किया गया. इस दौरान मध्यप्रदेश राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव श्री कवीन्द्र कियावत ने अपने उद्बोधन में कहा कि “ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को इस उद्देश्य के साथ लाया गया था कि देश के सभी नागिरकों को सम्मानपूर्ण जीवन मिले. लेकिन इसके लागू करने के दिशा में कई व्यवहारिक और अनियमितताओं से सम्बंधित चुनौतियाँ देखने को मिल रही हैं,प्रशासन सुचारू रूप से काम करे इसके लिये निगरानी, पारदर्शिता और जवाबदेही बहुत जरूरी है इसमें सामाजिक संस्थाओं और जागरूक नागिरकों को महती भूमिका निभानी होगी”. सम्मेलन में  राज्य खाद्य आयोग के प्रशासकीय अधिकारी श्री एस.के.जैन ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधनियम 2013 के क्रियान्वयन में  राज्य खाद्य आयोग की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया. इस सम्मेलन में  मध्यप्रदेश खाद्य सिविल आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा भी भागीदारी की गयी और प्रदेश के विभिन्न जिले से आये हितग्राहियों के समस्याओं को सुना गया.

सम्मलेन के दौरान मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून की जमीनी स्थिति को लेकर किये अध्ययन के निष्कर्षों को भी प्रस्तुत किया गया जोकि प्रदेश के 13 जिलों में  किया गया है. जिसके अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 27 गावों के सभी 3813 परिवारों, 16 उचित मूल्य दूकानों, एकीकृत बाल विकास योजना में पोषण आहार को लेकर 29 आंगनबाड़ी केन्द्रों,  मध्यान भोजन योजना को लेकर 42 शालाओं मातृत्व हक़ की जमीनी स्थिति के लिये 177 लाभार्थियों से जानकारी एकत्रित की गयी है.
अध्ययन किये गये 40 प्रतिशत हितगाहीयों  द्वारा बताया गया कि उन्हें शिकायत निवारण तंत्र की जानकारी  नहीं है. अध्यन किये गये कुल 29 आंगनबाड़ियों में से 18  आगनवाडी में शौचालय नहीं हैं जबकि 12 आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिये पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है. अध्यन किये गये कुल 41 शालाओं में से 20  शालाओं में से मध्यान भोजन नहीं मिलता है और 9 शालाओं  में बच्चों को नियमित रूप से मध्यान भोजन नहीं मिलता है. इसी प्रकार से अध्ययन किये गये  मातृत्व हक़ के 177 पात्र हितग्राहियों में से 144 के ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के फॉर्म भरे गए हैं इसमें भी केवल 88 पात्र हितग्राहियों को योजना की राशि प्राप्त हुई है.
इस सम्मलेन में मध्यप्रदेश के 18 जिलों में खाद्य सुरक्षा के को लेकर काम कर रहे संगठनों/ कार्यकर्ताओं और हितग्राहियों द्वारा भागीदारी की गयी जिन्होंने जिलों में इसके क्रियान्वयन को लेकर हुये अपने अनुभवों को साझा किया .जिसमें कई बातें निकल कर आयीं जैसे अभी भी कई ऐसे पात्र परिवार हैं जिन्हें राशन नहीं मिल रहा है, पीडीएस के तहत मिलने वाली राशन की गुणवत्ता अच्छी नहीं हैं, शिकायत निवारण तंत्र के बारे में हितग्राहियों के बीच जागरूकता की कमी है .

गौरतलब है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 05 जुलाई, 2013 को लागू हुआ था जिसके इस साल 6 साल पूरे हो रहे हैं. इस कानून के अंतर्गत चार हकदारियां दी गयी हैं जिसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली, आगनबाडी में पोषण आहार, मध्यान भोजन और मातृत्व हक़ शामिल हैं. मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधनियम का क्रियान्वयन 1 मार्च 2014 से शुरू हुआ है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 05 जुलाई, 2013 को लागू हुआ था जिसके इस साल 6 साल पूरे हो गये हैं. मध्यप्रदेश में इसका क्रियान्वयन 1 मार्च 2014  से शुरू हुआ.

29 September 2019 Deshbandhu





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