- पंचायतों ने सफाई कर्मचारियों की
नियुक्ति नहीं की
- सख्ती के लिए पंचायत विभाग को लिखा
जा रहा
भोपाल (नप्र)। ग्रामीण और शहरी
क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों की सफाई की योजना फ्लॉप हो गई है। पंच
परमेश्वर योजना के तहत यह जिम्मा नगर और ग्राम पंचायतों को सौंपा गया था, लेकिन पंचायतों
ने सफाई कर्मचारियों की ही नियुक्ति नहीं की और इन कर्मचारियों के वेतन की राशि भी
खर्च कर ली है। मामला सामने आने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र पंचायत एवं ग्रामीण
विकास विभाग को पत्र लिख रहा है।
सरकारी स्कूलों की सफाई बड़ी
समस्या है। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में भृत्य की व्यवस्था नहीं है, जबकि हाईस्कूल
और हायर सेकंडरी स्कूलों में भृत्यों के आधे पद रिक्त पड़े हैं। विद्यार्थियों से
सफाई कराने पर प्रतिबंध है। इसके बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों के ज्यादातर स्कूलों
में विद्यार्थी ही कक्षों की सफाई करते हैं। जिसे देखते हुए शासन ने ग्रामीण एवं
शहरी क्षेत्रों के स्कूल, आंगनबाड़ी और प्राथमिक चिकित्सालयों
की सफाई की जिम्मेदारी स्थानीय निकाय को सौंप दी है। पंच परमेश्वर योजना में यह
जिम्मा सौंपते हुए शासन ने पंचायतों को उनको मिलने वाली राशि में से 10 फीसद राशि इस पर खर्च करने को कहा था। दोनों विभाग ने एक साल पहले बाकायदा
इसके निर्देश जारी भी किए, लेकिन सरकारी भवनों में सफाई की
व्यवस्था नहीं हुई। जिसकी शिकायत की गई है। इनमें से ज्यादातर पंचायतों ने सफाई के
लिए आरक्षित राशि भी खर्च कर दी है।
विभाग को लिखा पत्र
राज्य शिक्षा केंद्र इस स्थिति
को देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिख रहा है, ताकि स्कूल,
आंगनबाड़ी सहित अन्य सरकारी दफ्तरों की नियमित सफाई की व्यवस्था कराई
जा सके। साथ ही प्रमुख सचिव से गुजारिश की जा रही है कि जिला पंचायत के सीईओ को भी
ताकीद करें कि वे योजना की नियमित मॉनीटरिंग करें। ताकि पंचायतें अपनी जिम्मेदारी
का ठीक से निर्वहन करें।
बढ़ाई गई है राशि
पंच परमेश्वर योजना के तहत
स्थानीय निकायों की राशि में वृद्घि की गई है। यह योजना दो साल से चल रही है और
वर्ष 2013 में प्रदेश की 23010 ग्राम पंचायतों को 1900 करोड़ रुपए दिए गए थे। योजना के तहत पंचायतों की सालाना सहायता में 20
से सौ फीसद तक की वृद्घि हुई है।
फैक्ट फाइल
प्रदेश में स्थानीय निकाय
और स्कूलों की स्थिति
ग्राम पंचायत : 23010
नगर पंचायत : 249
नगर पालिका : 100
नगर निगम : 14
प्राइमरी स्कूल : 82,957
मिडिल स्कूल : 27,533
साभार ,नवदुनिया भोपाल,३ जून २०१४
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