- मध्य प्रदेश में बच्चों द्वारा थिएटर फेस्टिवल में शिक्षा की वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला गया -
भोपाल, दिनाक 28 जून, 2013 को मध्य प्रदेश में प्रत्येक बच्चे के लिए शिक्षा मुहैया कराए जाने की कोशिश में कार्यर्त संस्था मध्य प्रदेश लोक संघर्ष साझा मंच और चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) द्वारा शिक्षा के अधिकार की राह में सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालने और उनके बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए दिन भर के थिएटर फेस्टिवल का आयोजन किया।
‘ शिक्षा हमारा हक’ कार्यक्रम द्वारा मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 6-14 वर्ष की उम्र के 40 बच्चों की आवाज को थियेटर के माध्यम से बुलंद की गई। कार्यक्रम में बच्चों ने अपने वास्तविक जीवन के उन अनुभवों को पेश किया, जिसने उन्हें ‘चिल्ड्रेंस कलेक्टिव’ के माध्यम से षिक्षा से जुड़ी बाधाओं से मुकाबला करने में सक्षम बनाया है।
बच्चों ने निम्नलिखित विषयों पर अपनी कहानियां नाटक पेश किया -
- शारीरिक सजा और भेदभाव
- बाल विवाह और बाल श्रम
- गुणवत्तायुक्त शिक्षा हासिल करने में दिक्कतें, खासकर अपर्याप्त बुनियादी ढांचे के अभाव
बच्चों द्वारा पेश किए गए तीन नाटकों ‘संडे हो या मंडे, नहीं खाएंगे डंडे’, ‘काम नही, किताब’, ‘थोड़ा है, थोड़े की जरूरत है’ में दिखाया गया कि किस तरह से बच्चे अपने स्कूल में साफ-सफाई, खेल मैदानों की कमी और काम पर जाने की वजह से शिक्षा से वंचित हो रहे हैं।
थिएटर फेस्टिवल से पूर्व तीन दिवसीय थियेटर कार्यशाळा का आयोजन किया गया था। जिसमें इन बच्चों को थियेटर इन एजुकेशन के पूर्व सदस्य वाल्टर पीटर द्वारा प्रषिक्षण दिया गया।
संस्थाओं द्वारा विग्त 2 वर्षो से म.प्र. के विभिन्न जिलों में थिएटर इन एजूकेशन के माध्यम से समाज के वंचिंत बच्चों को उनकी आवाज उठाने में मदद की जा रही है।
बच्चों द्वारा तीनो नाटकों की प्रस्तुति के बाद इन नाटकों में द्वारा उभर के आये मुद्दों परएक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें पैनल सदस्यों में राज्य शिक्षण केंद्र में उपायुक्त अरुणा गुप्ता, मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विभांषु जोशी , एससी-एसटी वेलफेयर कमेटी-विधान सभा में संयुक्त सचिव डाॅ. रचना त्यागी राज्य मानवाधिकार आयोग में रजिस्ट्रार(ला) एच के दुबे, डीईओ-भोपाल सी एम उपाध्याय शामिल थे।
कार्यक्रम के अतं में संस्थाओं द्वारा मांगपत्र प्रस्तुत किया गया जिसकी प्रमुख मांगे निम्नलिखित है -
- शिक्षा अधिकार कानून 2009 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार, स्कूल में 6-14 वर्ष के बीच के सभी बच्चों का दाखिला सुनिष्चित किया जाये,
- यह सुनिष्चित किया जाये कि किसी भी बच्चे को किसी भी प्रकार की षारीरिक या मानसिक सजा नही दिया जायेगा,
- सभी बच्चों को अनिवार्य षिक्षा मिल सके इसके लिए पर्याप्त दूरी पर ढांचागत् बुनियादी सुविधा युक्त स्कूल की व्यवस्था सुनिष्चित करना
H T BHOPAL Bhopal 27 June 2013
मध्यप्रदेश लोक संघर्ष साझा मंच
ई 7/6 एस.बी.आई. काॅलोनी, अरेरा काॅलोनी, भोपाल, म.प्र.
फोनः0755-4277228, ई-मेल info.mplssm@gmail.com
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