महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चाहे कितने ही दावे क्यों न किये जाएं, लेकिन उनकी सुरक्षा पर बारबार प्रश्न चिन्ह लग ही जाता है। सुरक्षा को लेकर यही सवाल अब मध्य प्रदेश में उठा है।
नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो सालों में मध्य प्रदेश में साढ़े छह हजार से ज्यादा महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं।इन आंकड़ों के अनुसार बच्चों के साथ हुए अपराधों की संख्या साढ़े नौ हजार से ज्यादा है। यही नहीं केवल इंदौर में दो साल में 260 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। यहां तक की साल 2010 के मुकाबले 2011 में दुष्कर्म की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
विधानसभा में तुलसीराम सिलावट के सवाल के लिखित जवाब में गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश में साल 2010 में तीन हजार 135 दुष्कर्म के मामले सामने आए। साल 2011 में यह बढ़कर तीन हजार 406 हो गए।उन्होंने बताया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की संख्या में कमी आई है। वर्ष 2010 में चार हजार 912 और साल 2011 में चार हजार 383 बाल अपराध की घटनाएं दर्ज हुईं।
इसके अतिरिक्त दुष्कर्म के मामलों में 364 और बाल अपराध के प्रकरणों में 211 गिरफ्तारियां हुईं। इस संबंध में विधायक पारस सकलेचा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दागियों को संरक्षण देने के चलते महिलाओं की सुरक्षा संभव नहीं।
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