मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच

प्रेस विज्ञप्ति- प्रदेश में सुरक्षित नहीं बच्चे


बच्चों की स्थिति पर हिफाज़त  ने जारी की स्टेटस रिपोर्ट


भोपाल- कुपोषण के लिये देश  में पहले पायदान पर बैठा हुआ मध्यप्रदेश  बाल सरंक्षण के मुददे पर भी  गंभीर हालात का सामना कर रहा हैं। प्रदेश  में जहां प्रतिदिन 12 बच्चों के खिलाफ यौन अपराध हो रहे हैं। वहीं 10298 बच्चे प्रदेष से गुमषुदा हैं और प्रदेष भर के प्लेटफार्मो पर 14968 बच्चे विपरीत परिस्थितियों में रह रहे हैं। अकेले भोपाल में ही 13680 बच्चे भीख मांगते हैं।

 यह तथ्य कल एन.टी.टी.टी.आर. आई के सभागार में आयेाजित कार्यक्रम में हिफाज़त संस्था द्वारा प्रदेष के बच्चों की स्थिति पर जारी की गई रिपोर्ट से निकलकर आये हैं।

 हिफाज़त  की समन्वयक सुश्री रेखा श्रीधर ने प्रदेश  के बच्चों की स्थिति पर स्टेटस रिपोर्ट जारी करते हुये बताया कि प्रदेश  में बाल अधिकारों के उल्लघंन के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। विषेश रूप से बेघर विकलांग, अनाथ एवं भिखारी या पन्नी बीनने वाले बच्चों के अधिकारों का हनन अत्यधिक रूप से हो रहा हैं।

 हिफाज़त  संस्था द्वारा गत दिवस प्रदेश भर में किये गये सर्वे में कई महत्वपूर्ण बिंदु उभरकर सामने आये, इसी सर्वे रिपोर्ट को कल जारी किया गया। 

उक्त कार्यक्रम में उपस्थित नेषनल लाॅ यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डाॅ. राका आर्य ने कहा कि सरकार ने बच्चों के हित में नीतियां एवं कानून तो बहुत सारे बनाये हैं परंतु जमीनी स्तर पर उनके क्रियान्वयन में षिथिलता की वजह से हम बाल अधिकारों को बचाने में नाकामयाब हो रहे हैं।

 ए.आई.जी (सी.आई.डी.) श्री वीरेन्द्र मिश्रा ने अपनी बात रखते हुये कहा कि सरकार एवं संस्थाओं के बीच बेहतर एवं तालमेल एवं समन्वय बनाकर हम सभी बाल अधिकारों को पुख्ता कर सकते हैं। श्री मिश्रा ने पुलिस विभाग की ओर से बाल अधिकारों की रक्षा के लिये पूर्ण सहयोग देने की बात कही।

 वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी सुश्री दीपिका सूरी ने उपस्थित प्रतिनिधियों के समक्ष स्पष्ट किया गया कि प्रदेश  के सभी पुलिस थानों में गुमषुदा बच्चों की रिपोर्ट तत्काल लिखी जाती हैं। तथा पुलिस प्राथमिकता के साथ इन बच्चों की तलाष करती हैं।

कार्यक्रम में सेंट्रल जेल भोपाल के जेलर एस.के स्वामी, संपे्रक्षण गृह की अधीक्षिका श्री चंद्रप्रभा चतुर्वेदी, बाल विषेषज्ञ डाॅ. जगमीत चावला, प्रदीप जूलू (ग्वालियर) एवं चाईल्ड लाईन भोपाल की डायरेक्टर सुश्री अर्चना सहाय ने भी बाल सरंक्षण पर अपने महत्वपूर्ण विचार रखे। 

हिफाज़त द्वारा आयोजित इस विचार वार्ता में प्रदेष के 15 जिलों के 35 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।  कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिनिधियों द्वारा बाल सरंक्षण को लेकर सरकार को भेजे जाने वाले मसौदे पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए 

Post a Comment

0 Comments