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शिक्षा आयोग पर सुस्त रफ्तार में चल रही सरकार


पंकज कुमार पांडेय | Jan 26, 2013, 14:28PM IST


नई दिल्ली. करीब डेढ़ साल की जद्दोजहद के बाद आखिरकार नई शिक्षा नीति की दिशा में केंद्र सरकार ने नए आयोग के गठन की फाइल पीएमओ को भेजी है। प्रख्यात समाजशास्त्री और दिल्ली विवि में प्रोफेसर आंद्रे बेतल की अध्यक्षता में शिक्षा आयोग के गठन के प्रस्ताव को मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू ने मंजूरी दी है। अंतिम संस्तुति के लिए फाइल प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी गई है। मंत्रालय को उम्मीद है कि पीएमओ के अप्रूवल के बाद आयोग अपना काम शुरू कर देगा। हालांकि, बेहद सुस्त रफ्तार को देखते हुए यूपीए-2 के बचे कार्यकाल में नई शिक्षा नीति को लेकर आशंकाएं बनी हुई हैं। 
गौरतलब है कि शिक्षा आयोग के गठन की घोषणा प्रधानमंत्री ने वर्ष 2011 में स्वतंत्रता दिवस के भाषण में की थी। मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने आयोग बनाने की दिशा में पहल भी की थी। मगर वे इसे मूर्त रूप नहीं दे पाए। नए मानव संसाधन मंत्री पल्लम राजू के आने के बाद भी इस पर लगातार जद्दोजहद चलती रही। 
नए आयोग को देश की मौजूदा जरूरतों के मुताबिक नई शिक्षा नीति के उपाए सुझाने होंगे। आयोग प्रो कोठारी कमीशन की तर्ज पर काम करेगा। यह देश में बीते कुछ सालों में हुए बदलाव, ग्लोबलाइजेशन की जरूरतों, निजी क्षेत्र के बढ़ते दखल, पीपीपी मॉडल और गुणवत्ता व इनोवेशन के नए प्रासंगिक मॉडलों पर विचार करके नई शिक्षा नीति का प्रस्ताव करेगा। प्रो यशपाल कमेटी और ज्ञान आयोग की सिफारिशों पर भी आयोग को गौर करना होगा। 
मंत्रालय का मानना है कि मौजूदा जरूरतों के मुताबिक देश को एक नए मॉडल की दरकार है। सरकार संस्थानों को ज्यादा से ज्यादा स्वायत्तता देने के पक्ष में है। वित्तीय रूप से संस्थानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास हो रहा है। निजी क्षेत्र को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाने की कोशिश हो रही है,लेकिन औद्योगिक घराने बहुत उत्साहित नहीं हैं। रोजगार परक शिक्षा की जरूरत महसूस की जा रही है। इन सभी समस्याओं के मद्देनजर आयोग को एक संतुलित मॉडल पेश करना है। कोठारी आयोग की संस्तुति के आधार पर पहली शिक्षा नीति वर्ष 1968 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में बनी थी। वर्ष 1986 में राजीव गांधी के कार्यकाल में एक बार फिर शिक्षा नीति बनाई गई। तीसरी शिक्षा नीति नरसिम्हा राव के कार्यकाल में 1992 में बनी। हालांकि कोठारी कमीशन के बाद कोई नया शिक्षा आयोग नहीं बना। 

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