भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा मातृत्व और बाल मौतें होती हैं)
क्र
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मापक
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देश में स्थिति
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म.प्र में स्थिति
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1
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2008 से 2015 के बीच नवजात शिशु की मृत्यु (8 साल में)
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62.40 लाख
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6.18 लाख
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2
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2008 से 2015 के बीच बच्चे जो अपना 5 वा जन्मदिन नहीं मना पाए
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1.113 करोड़
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11.59 लाख
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3
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नवजात मृत्यु दर – शहर में
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15 प्रति 1000
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21 प्रति 1000
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4
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नवजात मृत्यु दर – गाव में
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29 प्रति 1000
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37 प्रति 1000
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5
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समय से पूर्व जन्में बच्चों की संख्या (2015)
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33.4 लाख (दुनिया में सबसे ज्यादा) (हर 100 जीवित बच्चों में से 13 बच्चे)
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-
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6
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2008 से 2015 के बीच ऐसे बच्चों की मृत्यु संख्या जो समय पूर्व जन्मे थे
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26.30 लाख (हर रोज 948)
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-
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7
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2015 में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान
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45000 महिलाओं की मौत (द लांसेट)
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-
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8
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जन्म के दो दिन के भीतर डाक्टर/नर्स द्वारा बच्चे की जाँच
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24.3%
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17.5%
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9
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स्तनपान जन्म के तुरंत बाद (हर साल 1 लाख बच्चे इसलिए मर जाते हैं कि उन्हें
माँ का दूध नहीं मिल पाता)
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41.6%
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34.5%
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10
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6 माह तक केवल माँ का दूध
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54.9%
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58.2%
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11
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6 से 2 साल तक स्तनपान के साथ उपरी जरूरी आहार
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8.7%
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6.9%
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12
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पूरक पोषण आहार प्राप्त (रेपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रन)
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45.7% गर्भवती महिलाओं को
47.8% धात्री महिलाओं को
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-
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13
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3 साल से कम उम्र के बच्चों को टेक होम राशन
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49.2%
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-
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14
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3 साल से 6 साल के उम्र के बच्चों को पूरक पोषण आहार
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44.2%
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-
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15
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बच्चों का टीकाकरण
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62%
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53.6%
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16
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प्रसव पूर्व सभी सेवायें(4 स्वास्थ्य जांच,कम से कम1 टिटेनस टीका,100 दिन की
आयरन,फोलिक एसिड की खुराक
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21%
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11.4%
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17
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प्रसव पूर्व सभी 4 स्वास्थ्य जांच सेवायें
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51.2%
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37.7%
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18
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आयरन,फोलिक एसिड की खुराक
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30.3%
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23.6%
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19
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खून की कमी
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50.3%
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54.6%
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20
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मध्यप्रदेश में नवजात शिशु उपचार इकाइयों की संख्या
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-
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54
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21
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CHC में सर्जन की
आवश्यकता/नियुक्त
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5510/884
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334/83
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22
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CHC में स्त्री रोग विशेषज्ञ
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5510/1292
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334/79)
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23
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CHC में बाल चिकित्सक
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5510/1758
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334/76
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24
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मध्यप्रदेश में SHC
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-
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कुल 9192 जिसमें से 2922 पर पानी और 1885 में बिजली नहीं है
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25
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 4 - बाल विवाह
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26.8 %
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30 %
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26
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प्रसव के लिए निजी जमापूंजी से खर्च
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3198 रु
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1387 रु
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