भोपाल (29 अक्टूबर 2018),
मध्यप्रदेश में चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों के इस्तेमाल की घटनायें लगातार सामने आ रही हैं, यह बच्चों के
अधिकारों का हनन है. राजनीतिक दलों के अलावा मतदाता जागरूकता के नाम पर
गैर राजनैतिक संगठनों और सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा भी बच्चों के
अधिकारों के उल्लंघन के मामले प्रकाश में आ रहे हैं.
इस प्रक्रिया पर रोक लगाने के
लिये राष्ट्रीय चुनाव आयोग द्वारा समय समय पर निर्देश भी जारी किये जाते रहे हैं लेकिन इसका कड़ाई
से पालन नहीं किया जा रहा है.
इसी सन्दर्भ में मध्यप्रदेश के
विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा आज मध्यप्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी
श्री वी.एल.
कांताराव को एक ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें आयोग से चुनावी
प्रक्रिया में बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन की रोकथाम के लिए जीरो टोलेरेंस की
नीति अपनाने की मांग की गयी है जिससे चुनाव के दौरान बच्चों के अधिकारों के उल्लंघन
को रोका जा सके. मुख्य निर्वाचन
अधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को इस सम्बन्ध में शिकायत मिलने पर ठोस कार्यवाही का आश्वासन
दिया है.
इस प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय
सेक्युलर मंच के एल.एस. हरदेनिया, हमसब के राजेन्द्र कोठारी, चंद्रकांत
नायडू, भोपाल
गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार, विंदास बोल संस्था के नीलेश दुबे
मध्यप्रदेश लोक सहभागी साझा मंच से उपासना बेहार और जावेद अनीस शामिल थे.
संगठनों द्वारा इस दिशा
में जागरूकता के लिए सोशल मीडिया के उपयोग का निर्णय लिया गया है जिसके तहत अगामी
चुनावों के दौरान सोशल मिडिया पर #NoChildRightsViolationinElections के रूप में
अभियान चलाया जाएगा जिसमें बाल अधिकारों के हनन को लेकर कोई भी घटना होती है तो
उसे #NoChildRightsViolationinElections के माध्यम से चुनाव आयोग तक पहुंचाया
जाएगा.
इस सम्बन्ध में मुख्य
निर्वाचन अधिकारी को भी अवगत कराया गया है
जिसका उन्होंने स्वागत किया है .
31 October 2018 THE HITAVADA |
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