देश में बाल विवाह को लेकर सरकार कई जागरूकता अभियान संचालित कर रही है। वहीं, राज्य सरकारें भी इस काम में कई मुहिम चला रही हैं। लेकिन इन सब के बावजूद इन अभियानों का असर होता दिखाई नहीं दे रहा। दरअसल, नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे-4 में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। देश के 100 जिलों में 18 साल की उम्र से पहले ही बाल विवाह कर दिया गया। इनमें से 8 जिले मध्यप्रदेश के भी हैं। ये रिपोर्ट साल 2015-16 में किए गए सर्वे में सामने आई है।
प्रदेश के आठ जिलों में सबसे अधिक बाल विवाह के मामले झाबुआ के हैं। यहां पर बाल विवाह की दर 31.2 फीसदी है जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। शाजापुर 26.7, राजगढ़ 26.1, मंदसौर 25.2, टीकमगढ़ 25, शिवपुरी 19.7, उज्जैन 19.1 रतलाम 19 फीसदी पर है। विवाह की कानूनी तय उम्र से पहले बाल विवाह के मामले सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों के हैं।
रिपोर्ट में बाल विवाह के लिए परिवार की आर्थिक स्थिति को अहम कारण बताया गया है। दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में जिन परिवारों की आय गरीबी रेखा से नीचे है ऐसे परिवारों में बाल विवाह के ज्यादा मामले सामने आए हैं। बाल विवाह के मामलों में 40 फीसदी से ज्यादा परिवार संपत्ती सूचकांक में सबसे नीचे हैं। वहीं, एमपी में 61 फीसदी मामलों में 18 साल की उम्र से पहले ही युवतियां माध्यमिक शिक्षा पूरी कर लेती हैं।
साभार /mpbreakingnews.in
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