गोरख पांडेय
बच्चों के बारे में
बनाई गईं ढेर सारी योजनाएं
ढेर सारी कविताएं
लिखी गईं बच्चों के बारे में
बच्चों के लिए
खोले गए ढेर सारे स्कूल
ढेर सारी किताबें
बांटी गईं बच्चों के लिए
बच्चे बड़े हुए
जहां थे
वहां से उठ खड़े हुए
बच्चों में से कुछ बच्चे
हुए बनिया हाकिम
और दलाल
हुए मालामाल और खुशहाल
बाकी बच्चों ने सड़क पर कंकड़ कूटा
दुकानों में प्यालियां धोईं
साफ किया टट्टीघर
खाए तमाचे
बाज़ार में बिके कौडि़यों के मोल
गटर में गिर पड़े
बच्चों में से कुछ बच्चों ने
आगे चलकर
फिर बनाईं योजनाएं
बच्चों के बारे में
कविताएं लिखीं
स्कूल खोले
किताबें बांटीं
बच्चों के लिए
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