मार्च 26, 2012,सोमवार
नई दिल्ली (एजेंसी)। गरीबी के आकलन के लिए योजना आयोग अगले माह तक तकनीकी समूह का गठन करेगा जो गरीबी गरीबी के आंकने की पद्धति पर विचार कर सुझाव देगा। योजना राज्यमंत्री अश्विनी कुमार ने कहा, ‘हमने तकनीकी समूह के गठन की प्रक्रि या शुरू की है। यह समूह तेंदुलकर फामरूला के आधार पर गरीबी के आकलन के तरीके की समीक्षा करेगा। समूह का गठन एक माह में हो जाएगा।’
कुमार ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार ने गरीबी के आकलन के लिए विशेषज्ञ समूह के गठन के फैसला किया है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस बारे में निर्णय पिछले साल दिसम्बर में लिया था। तेंदुलकर समिति ने जो तरीका सुझाया है उसमें गरीबी के आकलन के लिए कैलोरी के उपभोग की मात्रा के अलावा स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को भी शामिल किया जाना चाहिए। वर्तमान पैमाने के अनुसार 200-10 के अंत में देश में 29.8 प्रतिशत आबादी गरीब थी। 2004-5 में यह अनुपात 37.2 प्रतिशत था। आयोग मानता है कि शहरों में दैनिक 28.65 रुपए और गावों में 22.42 रुपए रोज से कम का औसत उपभोग करने वाला व्यक्ति गरीबी है।
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